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PM Narendra Modi launched the world's largest grain storage plan in the cooperative sector, for farmers on Saturday.(File photo)

क्या आप जानते हैं? भारत में हर साल लाखों टन अनाज अनुचित भंडारण के कारण खराब हो जाता है। यह न केवल किसानों के लिए बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान है, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा के लिए भी गंभीर समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अक्टूबर 2023 को "विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना" शुरू की, जिसका उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, अनाज की बर्बादी को कम करना और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है।

योजना का दायरा और महत्व

विशाल भंडारण क्षमता: इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत "5000 से अधिक आधुनिक गोदाम" बनाए जाएंगे, जिनकी अनाज भंडारण क्षमता 22 लाख टन से अधिक होगी। यह वर्तमान भंडारण प्रणाली में एक बड़ा बदलाव है और इससे भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी अनाज भंडारण सुविधा बनाने में मदद मिलेगी।

बुनियादी ढांचे में सुधार: योजना के तहत न केवल गोदाम बनाए जाएंगे, बल्कि मौजूदा बुनियादी ढांचे का भी आधुनिकीकरण किया जाएगा। इसमें सड़कों, रेलवे और परिवहन प्रणालियों को उन्नत करने के साथ-साथ कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं को बढ़ाना भी शामिल है। इससे किसान अपनी उपज का भंडारण, परिवहन और बिक्री आसानी से कर सकेंगे।

निवेश और रोजगार सृजन: इस योजना में लगभग "1.25 लाख करोड़ रुपये" का निवेश किया जाएगा, जिससे बुनियादी ढांचे के विकास, निर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा। यह भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा और किसानों को सशक्त बनाएगा।

डिजिटलीकरण और पारदर्शिता: यह योजना डिजिटल प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग करेगी, जिससे भंडारण प्रक्रिया पारदर्शी और कुशल बनेगी। किसानों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए गोदामों तक पहुंच मिलेगी और वे भंडारण शुल्क और अनाज की स्थिति आसानी से देख सकेंगे। इससे भ्रष्टाचार कम होगा और किसानों को बेहतर नियंत्रण मिलेगा।

PM Modi का दौरा और योजना का शुभारंभ

प्रधानमंत्री मोदी ने 17 अक्टूबर 2023 को हरियाणा के करनाल में इस ऐतिहासिक योजना की शुरुआत की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह योजना "किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी" और "देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम" है। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि इस योजना से उन्हें अपनी उपज के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

लाभार्थियों का विस्तृत विवरण

किसान:

बेहतर भंडारण सुविधाओं से अनाज की बर्बादी कम होगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
किसानों को बेहतर कीमत पाने के लिए अपनी उपज बेचने का समय चुनने का अधिकार होगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से भंडारण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी।
किसानों को उनकी उपज के बेहतर प्रबंधन और विपणन के लिए प्रशिक्षण और सहायता प्रदान की जाएगी।

व्यवसायी:

आधुनिक भंडारण सुविधाएं अनाज के नुकसान को कम करेंगी और व्यापारियों को दीर्घकालिक भंडारण विकल्प प्रदान करेंगी।
परिवहन और वितरण प्रणालियों में सुधार से व्यापारियों को अपनी उपज आसानी से बाजारों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
योजना में डिजिटलीकरण से व्यापारियों को भंडारण और वितरण प्रक्रियाओं को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिलेगी।

उपभोक्ता:

उपभोक्ताओं को ताजा एवं बेहतर गुणवत्ता वाला अनाज उपलब्ध होगा।
अनाज की बर्बादी कम होने से अनाज की कीमतों में स्थिरता आएगी।
किसानों और व्यापारियों के बीच बेहतर प्रतिस्पर्धा से उपभोक्ताओं को बेहतर कीमत पर अनाज उपलब्ध होगा।

देश:

यह योजना भारत को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगी।
अनाज की बर्बादी कम होने से देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी।
इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
यह योजना भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी अनाज भंडारण सुविधा बनाने में मदद करेगी।

योजना का कार्यान्वयन

योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में 2025 तक 2000 गोदामों का निर्माण किया जाएगा। शेष गोदामों का निर्माण 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। योजना के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा।

निष्कर्ष:

विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना एक महत्वपूर्ण पहल है जिससे किसानों, व्यापारियों, उपभोक्ताओं और देश को लाभ होगा। यह योजना भारत को खाद्य सुरक्षा में आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।