भारतीय जनता पार्टी (BJP) और बिहारी जनता दल (BJD) के बीच गठबंधन की बात चल रही है। इसके पीछे का कारण है कि BJP को लोकसभा चुनावों में अपनी बहुमत को बनाए रखने के लिए अन्य राजनीतिक दलों का साथ चाहिए। BJD के साथ गठबंधन से BJP को ओडिशा में मजबूती मिल सकती है, जहाँ BJD के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की लोकप्रियता काफी है।

BJP-BJD Alliance Talks Stuck Over Two Key Seats in Odisha

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इस बात की पुष्टि करने के लिए कि गठबंधन की बात कितनी आगे बढ़ी है, BJP के कुछ वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली में बुलाया गया है। इनमें BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और ओडिशा प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, राष्ट्रीय महासचिव और ओडिशा को-प्रभारी भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय सह-प्रवक्ता संबित पात्रा और ओडिशा के BJP अध्यक्ष समीर मोहंती शामिल हैं।


इन नेताओं को दिल्ली में BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संयोजक बीएल संतोष और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलना है। इस बैठक में गठबंधन की संभावना, सीटों का बंटवारा, चुनावी रणनीति और अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।


BJP और BJD के बीच गठबंधन की बात इसलिए भी तेज हुई है क्योंकि ओडिशा में बीजेडी के विरोध में कांग्रेस का उभरना दिखाई दे रहा है। कांग्रेस ने हाल ही में ओडिशा में अपने नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में निरंजन पटनायक को नियुक्त किया है, जो एक जाने-माने नेता हैं। कांग्रेस का मकसद है कि वह ओडिशा में BJD को दूसरे स्थान पर धकेल दे और BJD के वोटों को बांट ले।


इसलिए, BJP को BJD के साथ गठबंधन करने से फायदा हो सकता है, क्योंकि इससे वह ओडिशा में अपना क्षेत्रफल बढ़ा सकती है और कांग्रेस को रोक सकती है। BJD के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इससे वह भाजपा के साथ केंद्र में शामिल हो सकती है और अपनी राजनीतिक ताकत बढ़ा सकती है।


इस प्रकार, BJP और BJD के बीच गठबंधन की बात अभी भी जारी है और इसका फैसला जल्द ही हो सकता है। लोकसभा चुनावों के नतीजे इस गठबंधन के भविष्य पर भी असर डालेंगे।


BJP's Distancing Act After MP's "Will Change Constitution" Remark